The Shodashi Diaries

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Celebrations like Lalita Jayanti underscore her importance, wherever rituals and offerings are created in her honor. These observances really are a testomony to her enduring allure along with the profound effect she has on her devotees' lives.

The anchor on the right hand reveals that the individual is anxious along with his Convalescence. If manufactured the Sadhana, gets the self self-assurance and all the hindrances and hurdles are removed and all the ailments are eradicated the image which is Bow and arrow in her hand.

सानन्दं ध्यानयोगाद्विसगुणसद्दशी दृश्यते चित्तमध्ये ।

संहर्त्री सर्वभासां विलयनसमये स्वात्मनि स्वप्रकाशा

सा नित्यं मामकीने हृदयसरसिजे वासमङ्गीकरोतु ॥१४॥

The Saptamatrika worship is especially emphasized for the people seeking powers of Manage and rule, as well as for people aspiring to spiritual liberation.

कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —

संरक्षार्थमुपागताऽभिरसकृन्नित्याभिधाभिर्मुदा ।

The legend of Goddess Tripura Sundari, also called Lalita, is marked by her epic battles in opposition to forces of evil, get more info epitomizing the Everlasting battle amongst fantastic and evil. Her tales are not just tales of conquest but will also carry deep philosophical and mythological significance.

As a result, the Shodashi mantra is chanted to help make a single way more desirable and hypnotic in life. This mantra can transform your life in times as this is a really powerful mantra. A single that has mastered this mantra becomes like God Indra in his daily life.

यह देवी अत्यंत सुन्दर रूप वाली सोलह वर्षीय युवती के रूप में विद्यमान हैं। जो तीनों लोकों (स्वर्ग, पाताल तथा पृथ्वी) में सर्वाधिक सुन्दर, मनोहर, चिर यौवन वाली हैं। जो आज भी यौवनावस्था धारण किये हुए है, तथा सोलह कला से पूर्ण सम्पन्न है। सोलह अंक जोकि पूर्णतः का प्रतीक है। सोलह की संख्या में प्रत्येक तत्व पूर्ण माना जाता हैं।

हादिः काद्यर्णतत्त्वा सुरपतिवरदा कामराजप्रदिष्टा ।

सा देवी कर्मबन्धं मम भवकरणं नाश्यत्वादिशक्तिः ॥३॥

पञ्चब्रह्ममयीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥५॥

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