5 Essential Elements For Shodashi

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The ability stage in the middle of the Chakra displays the best, the invisible, as well as elusive Middle from which the whole determine Bhandasura and cosmos have emerged.

एकस्मिन्नणिमादिभिर्विलसितं भूमी-गृहे सिद्धिभिः

पञ्चबाणधनुर्बाणपाशाङ्कुशधरां शुभाम् ।

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वर्गानुक्रमयोगेन यस्याख्योमाष्टकं स्थितम् ।

चतुराज्ञाकोशभूतां नौमि श्रीत्रिपुरामहम् ॥१२॥

यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।

संरक्षार्थमुपागताऽभिरसकृन्नित्याभिधाभिर्मुदा ।

कामाकर्षिणी कादिभिः स्वर-दले गुप्ताभिधाभिः सदा ।

॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥

In case you are chanting the Mantra for a certain intention, publish down the intention and meditate on it five minutes in advance of starting Along with the Mantra chanting and five minutes following the Mantra chanting.

The reverence for Tripura Sundari transcends mere adoration, embodying the collective aspirations for spiritual development as well as the attainment of worldly pleasures and comforts.

इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया more info नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।

॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥

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